छिपकली दीवारों से नीचे क्यों नही गिरती है ? बच्चो को इनसे डर क्यों लगता है ?

आज की इस पोस्ट में हम आपको छिपकली के दीवार से गिरने के बारे में बताएंगे कि आखिर क्यों नही गिरती छिपकली ? आपने अक्सर अपने घर के अंदर देखा ही होगा कि छिपकली हमेशा दीवारों पर ही चलती फिरती रहती है और जब हम इन्हें दीवारों पर चलते हुए या कसरत करते हुए देखते है तो हमारे मन मे यह सवाल भी पैदा होता है कि आखिर ये छिपकली नीचे क्यों नही गिरती ? पहले तो इसका कारण छिपकली के पंजो और दीवारों के बीच वैक्यूम बनना ही माना जाता था लेकिन इसका असली कारण छिपकली के पैरों की सरंचना में छुपा हुआ है। आपको बता दे कि छिपकली के पैर में बहुत सारे सूक्ष्म रेशे होते है , जिन्हें सिटी कहते है , प्रत्येक सिटी में सैकड़ों और अति सूक्ष्म रोम होते है जो कि स्पेचूले कहलाते है। जब ये स्पैचुले दीवार के सम्पर्क में आते है तो वण्डर वाल्स बल उतपन्न होता है और इसी बल के कारण छिपकली दीवार पर आसानी से चिपकी रह जाती है। यह ऑन डर वाल्स बल एक विद्युत चुम्बकीय बल का ही रूप है जो छिपकली के स्पैचुले और दीवार के बीच इलेक्ट्रॉन के आदान प्रदान से उतपन्न होता है। आपको बता दे कि अंटार्टिका को छोड़कर दुनिया के हर कोने में पाई जाती है। अंटार्टिका के ठंडे तापमान में अनुकूलित नही हो पाने के कारण छिपकली की प्रजाति वहां पर नही पाई जाती है। इसी के साथ आपको बता दे कि छिपकलियां सरीसृप सूखी और पपड़ीदार त्वचा वाले और जमीन पर अंडे देने वाले जानवर हैं। छिपकलियों की लगभग अनुमान से 7000 प्रजातियाँ हैं। यहां पर जो छिपकलियां है वो कुछ सेंटीमीटर लंबी भी हो सकती हैं और 3 मीटर तक भी हो सकती हैं। वे जिस स्थान पर रहते हैं उसके अनुसार उनका जो आकार होता है वो भिन्न-भिन्न होता है। आपमें से कई लोग छिपकली देखकर डर जाते होंगे , लेकिन इसमें कुछ लोग नही बल्कि लगभग सभी डर जाते है। छिपकलियों के डर को हर्पेटोफोबिया के नाम से जाना जाता है। यह सरीसृपों का डर है। इसमें सांपों का डर भी शामिल होता है। इसी के कारण आपको डर लगता है।

छिपकली के बारे में जानकारी 

छिपकली का जो वैज्ञानिक नाम है वो लैकर्टिलिया है। यह एनिमेलिया साम्राज्य के अंतर्गत आता है। छिपकलियां पपड़ीदार चमड़ी वाले सरीसृप हैं। वे अंडे देते हैं , उनकी पलकें गतिशील होती हैं। इनके शरीर पर बाल या पंख नहीं होते। गिरगिट, इगुआना और गेको छिपकलियों के कुछ प्रकार हैं। छिपकलियां ठंडे खून वाली होती हैं (उनके शरीर का तापमान उनके आसपास के तापमान के अनुसार बदलता रहता है)। 

छिपकलियों के रोचक लक्षण 

1) अधिकतम छिपकलियां ज्यादा ठंडी जगहों पर नहीं रहतीं।

2) ये आर्द्र उष्णकटिबंधीय या शुष्क रेगिस्तानों में अधिक पाए जाते हैं।

3) छिपकलियों के आमतौर पर चार पैर होते हैं, लेकिन कुछ के पैर ही नहीं होते।

4) छिपकलियों की पूँछ लंबी होती है।

5) कुछ छिपकलियां प्रकृति में जहरीली होती हैं।

6) अधिकांश छिपकलियां दिन के समय सक्रिय रहती हैं।

7) छिपकलियां अपना रंग बदलने में सक्षम होती हैं।

छिपकलियों के डर को क्या कहा जाता है ?

आपको बता दे कि छिपकलियों के डर को हर्पेटोफोबिया कहा जाता है। हर्पेटोफोबिया से पीड़ित लोगों को सांप और छिपकलियों जैसे सरीसृपों से डर लगता है। यह एक प्रकार का चिंता विकार है। हर्पेटोफोबिया से पीड़ित कोई भी व्यक्ति जब छिपकली, सांप या किसी अन्य सरीसृप, यहां तक ​​कि कछुए को भी देखेगा तो उसे बहुत सारा डर लगेगा। यह एक सामान्य विकार होता है , बहुत से लोगों को यह विकार होता है। बहुत से लोग ग्लिया राक्षस कहलाने वाली छिपकलियों से डरते हैं। यह इंसानों के लिए जहरीली भी होती है। लगभग सभी छिपकली के अंदर जहर पाया जाता है।

हर्पेटोफोबिया के लक्षण क्या होते है ? 

1) हमेशा सरीसृपों के बारे में सोचते रहते हैं

2) चिंता

3) डर

4) चक्कर आना

5) पसीना आना

6) बढ़ी हृदय की दर

7) सीने में जकड़न

हर्पेटोफोबिया की स्थिति जब देखी जाती है जब व्यकित छिपकलियों के बारे में सोचते हैं। जब उनके आस-पास कोई अन्य लोग छिपकलियों के बारे में बात करते हैं। जब वे छिपकलियों की कोई तस्वीर या वीडियो देखते हैं। तभी इसके लक्षण देखे जा सकते है।

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